जीवन नदी जैसा हे Posted on April 23, 2015 by Vijay Singh under Uncategorized बुद्ध ने कहा हे- जीवन नदी जैसा हे , यहां प्रतिपल सब बह रहा हे । ऐसा ही जीवन का प्रवाह हे जो आये उसे अंगीकार करो जो जाये उसे अलविदा करो कुछ पकड़ के मत रखो ऐसा आदमी कभी दुखी नहीं होता। Share this:TwitterFacebookLike Loading...